दोस्तो आज की इस post में हम आपके लिए लेकर आए है Bhaye Pragat Kripala Lyrics, भजन,जो आपको हमारे इस blog पर हिंदी और English भाषा में देखने को मिलेगा हमे आशा है कि इस LYRICS को पड़ने के बाद आप बहुत खुशी महसूस करेंगे जय श्री कृष्णा पूरा लिरिक्स जरूर पढ़े,
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- Bhaye Pragat Kripala Lyrics,
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
लोचन अभिरामा, तन घनश्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषण बन माला, नयन विशाला,
शोभा सिंधु खरारी ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
कह दुइ कर जोरी, स्तुति तोरी,
केहि विधि करूं अनंता ।
माया गुण ग्यानातीत अमाना,
वेद पुराण भनंता ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
करुणा सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
प्रकट भये श्रीकंता ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति वेद कहे ।
मम उर सो वासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहे ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
उपजा जब ज्ञाना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहे
कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहुँ तात यह रूपा ।
कीजे शिशुलीला, अति प्रियशीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि वचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला,
कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी,
मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप निहारी ॥
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- Bhaye Pragat Kripala Lyrics,
Bhaye Pragat Kripala Din Dayala,
Koushilya Hitkari।
Harshit Mahtari, Muni Man Hari,
Adbhut Rup Nihari।।
Lochan Abhirama, Tanu Ghanshyama,
Nij Aayudh Bhujchari।
Bhushan Ban Mala, Nayan Vishala
.Sobha Sindhu Kharari।।
Kah Dui Kar Jori, Stuti Tori,
Kehi Vidhi Karun Ananta।
Maya Gun Gyanatit Amana,
Ved Puran Bhananta।।
Karuna Sukh Sagar, Sab Gun Aagar,
Jehi Gaavahin Shruti Santa।
So Mam Hit Lagi, Jan Anuragi,
Pragat Bhaye Shrikanta।।
Brahamand Nikaya, Nirmit Maya,
Rom Rom Prati Ved Kahe।
Mam Ur So Vasi, Yah Uphasi,
Sunat Dhir Mati Thir Na Rahe।।
Upja Jab Gyana, Prabhu Musukana,
Charit Bahut Bidhi kinha Chahe।
Kahi Katha Sunai, Matu bujhai,
Jehi Prakar Sut Prem Lahe।।
Mata Puni Boli, So Mati Doli,
Tajahun Taat Yah Rupa।
Kije Shishulila, Ati Priyashila,
Yah Sukh Param Anoopa।।
Suni Vachan Sujana, Rodan Thana,
Hoi Balak Surbhupa।
Yah Charit Je Gavahin, Haripad Pavahin,
Te Na Parahin Bhavkupa।।
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