Samay Ka Pahiya Chalta Hai Lyrics
क्रोध के बोझ को मन पे उठाए काहे
चलता है प्राणी शमा जो शत्रु को भी कर दे वही
मुक्त है ,,वही ज्ञानी,,,
समय का पहिया चलता है दिन ढलता है
है रात आती है रात में जब एक
छोटा सा नन्हा सा दीपक जलता है
उसकी ज़रा सी ज्योत सही पर डर से उसको देख कोई
बरसों का मुसाफ़िर,गिरते गिरते संभलता है
समय का पहिया चलता है दिन ढलता है
है रात आती है ,रात में जब एक छोटा सा नन्हा सा
दीपक जलता है,उसकी ज़रा सी ज्योत
सही पर दू र से उसको देख
कोई बरसो का मुसाफिर गिरता,संभलता है
समय का पहिया चलता है दिन ढलता है
रात आती है
(मैने जाते,,जाते जाना कौन है अपना
कौन पराया),,2
बस तू ही मेरा अपना है बस तूने
प्यार निभाया।
काम क्रोध और लोभ मैं तज
कर जा सकता हूँ
तुझको चाहूँ भी तो मैं कैसे भूला सकता हूँ तेरा प्यार भी
एक बंधन है
तू ही बता क्या मैं मुक्ति पा सकता हूँ
तू नहीं जानता तू मेरा अब है क्या तुझको है
देखता है,तो दिल कैसे पिगलता है
समय का पहिया चलता है
दिन ढलता है रात आती है
दिन में सोया रात आई तो अब जागा सोया कब था
अब क्या सूरज ढूंढे पगले डूब गया,सूरज कब का
बरसो पहले जो थी इक नदी प्यार की बेह गई
वो नदी हाथ अब तू क्या मलता है
समय का पहिया चलता है दिन ढलता है
है रात आती है
रात में जब एक छोटा सा नन्नहा सा,दीपक जलता है
उसकी ज़रा सी ज्योत सही पर दूर से उसको देख कोई
बरसो का मुसाफिर गिरते गिरते संभालता है समय का पहिया
चलता है दिन ढलता है रात आती है
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samay ka pahiya chalta hai lyrics
Samay Ka Pahiya Chalta Hai Lyrics detailsSong Name*samay ka pahiya chalta hai
Movie Name*Bhoothnath
Singer Name*Hariharan~Sukhwinder Singh
Music Director*Vishal~Shekhar
Lyrics*Javed Akhtar
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